पंजाब पुलिस के डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों को कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को गाली देने और लगातार अपमानजनक मैसेज भेजने पर निलंबित कर दिया गया था. अब निलंबित डीएसपी सेखों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री आशु पर जोरदार हमला बोला है. सेखों ने आशु के खालिस्तानी आतंकियों से संबंध होने का आरोप लगाया है.
निलंबित डीएसपी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साल 1992 में लुधियाना गुड़ मंडी क्षेत्र में बम धमाके कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आशु ने पुलिस के सामने धमाकों के साथ ही तीन मुखबिरों की हत्या के षड़यंत्र में भी शामिल रहने की जानकारी दी थी.
सेखों ने लुधियाना पुलिस के सामने 6 मई 1992 को टाडा एक्ट के तहत दर्ज किए गए मंत्री आशु के बयान की कॉपी भी जारी की. उन्होंने कहा कि आशु और उनके पिता के संबंध भिंडरावाले टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान के आतंकियों के साथ थे.
निलंबित चल रहे डीएसपी सेखों ने कहा कि आशु खालिस्तानी आतंकियों को न केवल आश्रय देते थे, बल्कि उनके हथियार और गोला-बारूद भी अपनी बेरी में छिपा कर रखते थे. सेखों के मुताबिक, आशु एक लेडी होमगार्ड कॉन्स्टेबल श्यामसुंदर सहित तीन पुलिस मुखबिरों की हत्या के षड्यंत्र में भी शामिल थे.
बलविंदर सिंह सेखों के मुताबिक, भारत भूषण आशू ने अपनी माता और पिता की हत्या का बदला लेने के लिए खालिस्तानी आतंकियों के साथ नजदीकियां बढ़ाई थीं. इसके अलावा उन्होंने कथित तौर पर तीन पुलिस मुखबिरों की खालिस्तानी आतंकियों की मदद से लुधियाना के गांव अजनोद में हत्या करवाई थी.
बता दें कि पंजाब सरकार ने बलविंदर सिंह सेखों को 6 दिसंबर 2019 के दिन निलंबित कर दिया था. सेखों पर निलंबन की कार्रवाई भारत भूषण आशु को आपत्तिजनक मैसेज भेजने के आरोप में की गई थी. नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाने वाले सेखों ने इसे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है.